सोमवार, 1 सितंबर 2025

गोगा पीर रौ जस

गोगा पीर रौ जस 
                           (एकादशी)
गुर गोरख सुत आपियो,ठावो दै वरदान।।
जैबर राजा जांणतै,चमक कुऴी चौहान।।(१)

गुग्गऴ फऴ परसाद में,दीना गोरखनाथ ।।
बाछल उर बाऴक भया,सांवरियै रौ हाथ।।(२)

गोरख  गुर धर आपरा,जप तप रा आधार।।
विध विध धूंण विराजता,दुख मैटण दातार।।(३)

मुसलिम हिंदू मोकळा,अजलग  पूजै आस।।
लोक देवता लाडलौ,गोगा मेड़ी खास।।(४)

गोगा री दो मेड़िया,सिर पड़िया सिध धाम।।
धड़ गिरियो धर थापिया,धुर मेड़ी जग नाम।।(५)

पैलो पीर पुकारता,चावी धर पहचाण।।
सांप देवता सांतरौ,गोगोजी चहुवाण।।(६)

गोगा नम सूद भादवा,गोगो पूजै आम।।
इला जातरू आकळा,गोगा मेड़ी धाम।।(७)

सांप डसै जद राखड़ी,गोगा थारै नाम।।
कलजुग में इण देव रा,परचा गामो गाम।।(८)

करसा गोगा राखड़ी, हळ बांधै  हर हाल।।
सुगन सैंणां हळौतरौ,जाहर पीर  सुकाल ।।(९)

राठौड़ों री धीवड़ी,कैलम जिण रौ नाम।।  
गोगै तोरण वांधियो,कोळूमढ़ रै गाम।। (१०)

ददरेवा रो मानखो,हरख कोड हरसाय।।
कैलम राणी आविया,कुमकुम थाल बधाय।।(११)

       मांगू सिंह माधोसिंहपुरा

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