छोरी आळा लड़को देखण न गया।
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लड़को देख्यो, लड़को एकदम दूबळो
पण सरकारी नौकरी लागेड़ो हो ।
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थोड़ी देर बात कर छोरी आळा बोल्या, जी म्हे थोडी देर म पाछा आवां हां।
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लड़का ळा सोच्यो कोई जाण पिछाण का होवे ला , मिलण न जाता होसीं।
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छोरी आळा बजार जा र पाछा आया
सागे एक घी को पीपो ल्याया।
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लड़क का बाप न देर बोल्या, लड़का न गूंद का लाडू जिमावो, तीन महीना पाछे बात करस्यां।
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लड़का को बाप बोल्यो - जे तीन महीना पाछे भी ओ दूबळो ई रियो जणां ?
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छोरी आळा बोल्या - - तो कोई बात नहीं,
छोरी डूबण स तो पीपो डूबेड़ो चोखो।
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शनिवार, 24 जून 2017
छोरी आळा लड़को देखण न गया।
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