रविवार, 2 जून 2019

तीनो तुक मिलाई हे साव साँची पाई हे ......!

राजस्थानी कविता हे ....
तीनो तुक मिलाई हे साव साँची पाई हे ......!
१ ; नाता की लुगाई खोटी,गाँव की उगाई खोटी,
आटे साटे सगाई खोटी . तीनो तुक मिलाई हे .......!
२ ; घर जंवाई रियोड़ो खोटो,दारु घणो पियोड़ो खोटो,
गहनो उधारो लियोड़ो खोटो. तीनो तुक मिलाई हे....!
३ ; मारण वालो पाडो खोटो, बिना पाळ को नाडो खोटो,
उललयिड़ो गाडो खोटो , तीनो तुक मिलाई हे....!
४ ; लेणों घणो लियोड़ो खोटो, कड्वो बोल कियोड़ो खोटो,
जाव घणो पियोड़ो खोटो,तीनो तुक मिलाई हे.........!
५ ; खान में सेली खोटो, गुरु माराज के चेली खोटी,
खेत माइने गेली खोटी, तीनो तुक मिलाई हे.....!
६ ; माड़ो करियोड़ो भोरो खोटो,बिगड़ीयोड़ो छोरो खोटो,
पागल ने आयोड़ो लोरो खोटो ,तीनो तुक मिलाई हे साव साँची पाई हे !

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