सोमवार, 27 फ़रवरी 2017

नारी बिन नर जनम नहीं-

नारी बिन नर जनम नहीं-गिरधर दान रतनू दासोड़ी
   गीत सोहणो
मानो मन बात मुलक रै मिनखां
सोल़ै आना जिका सही।
दुनिया मांय दीठ दे देखो
नारी बिन नर जनम नहीं।।१
भगवन पीर ओलिया भाल़ो
गोड पैगेंबर जिता गिणो।
जग में नार सकल़ नैं जणिया
जाणै आ तो जणो जणो।।२
सांपरत भगत सूरमा सारां
दातारां इण जनम दियो।
सिखमत मान हुवा सतवादी
कीरत वाल़ो काम कियो।।३
धू पैल़ाद अडग की धारण
भिड़िया सिंघां भरत भला।
पातल राण मराठै प्रथमी
खल़ां सीस ज्यां दिया खला।।४
पंडव पूत महाभड़ पूरा
माता वाल़ी सीख मनी।
जस री सोरम अखी जगत में
देखो अज तक बहै दुनी।।५
दिल सूं माण नारियां दीधो
भू पर वांरी साख भली।
जग में जिकै पूजीजै जोवो
हर दिस ज्यांरी बात हली।।६
रावण नार मर्जादा रेटी
लोफर हर सूं आल़ लई।
तणिया तीर राम रा तणका
गमियो वँश नै लंक गई।।७
मानी नाय दुजोधन मूरख
कुटल़ नार अपमान कियो।
मिरतु  जिको कुत्तै री मरियो
दुसटी पाणी वंश दियो।।८
मुगलां वुसत भोग री मानी
भेल़ी कर नैं हरम भरी।
मिटिया नार हाय सूं महियल़
कबजै गोरां दिल्ली करी।।९
सत री कैवूं सांभलो सैणां
नर नारी सूं बडो नहीं।
जणणी बैन भामणी जोवो
मारग दरशक साच मही।।१०
जणणी रूप पाल़णी जोवो
धिन रखवाल़ी करै धरा।
साची सीख दैण संतानां
खटकै भरणी भाव खरा।।११
बांटै नेह बैन बण बसुधा
हित सूं दिल रो दरद हरै।
दीधो लहै भ्रात सूं देखो
काम कोड सूं कठण करै।।१२
भामण रूप रहै नित भेल़ी
जोड़ कंध सूं कंध जिका।
सुख दुख मांय साथ इक सिरखी
टोरै निश्छल़ प्रीत तिका।।१३
बेटी बण नै मात बाप री
प्रीत देय नै पीड़ हरै।
ऊजल़ पी'र सासरो  इण सूं
कुल़ च्यारां रो नाम करै।।१४
नर रो मूल़ नार सूं न्हालो
साख नार सूं बधै सही।
अवनी नार बिनां नर आधो
कितरै ग्रंथां मांड कही।।१५
पूजो नेह माण दो प्रिथमी
धुर इण बातां ध्यान धरो।
गिरधर कहै गीत ओ गुणियां
कान जिकण नै आज करो।।१६
गिरधर दान रतनू दासोड़ी

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