शनिवार, 11 मार्च 2017

छोरी आळा

छोरी आळा लड़को देखण न गया।
लड़को देख्यो, लड़को एकदम दूबळो
पण सरकारी नौकरी लागेड़ो हो ।
थोड़ी देर बात कर छोरी आळा बोल्या जी म्हे थोडी देर म पाछा आवां हां।
लड़का ळा सोच्यो कोई जाण पिछाण का होव ला , मिलण न जाता होसीं।

छोरी आळा बजार जा र पाछा आया
सा ग एक घी को पीपो ल्याया।
लड़क का बाप न देर बोल्या लड़का न गून का लाडू जिमावो, तीन महीना पीछ बात करस्यां।
लड़का को बाप बोल्यो  - जे तीन महीना पीछ भी ओ दूबळो ई रियो जणां ?
छोरी आळा  बोल्या - -  तो कोई बात न तो जणां छोरी डूबण स तो पीपो डूबेड़ो चोखो।

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