शीशा बिणा सूरा लड्या
इतिहासां परमाण ।
पदमण जौहर मे जली
वो है राजस्थान ।।
वीटी और रुमाल सूं
नही प्रीत पहचाण ।
सहनाणी मे शीश दे
वो है राजस्थान ।
हार हार फिर हार जा
पिछमो पाकिस्तान ।
ढाल समाणी सीम पे
ऊभो राजस्थान ।।
उड नहं जा रज आपणी
आंगणिये अरियांण ।
रह रह ने छांट्यो रगत
वो है राजस्थान ।
कांई तो सौभाग व्है
ईं सूं और अमोल ।
रहणो राजस्थान मे
राजस्थानी बोल ।।
राजस्थान दिवस री बधाई ।
जय राजस्थान ।
जय राजस्थानी ।।
हिम्मत सिह उज्जवल
भारोडी
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