राजस्थानी बोलियों में कविताए कहानियां मजेदार चुटकुले गीत संगीत पर्यटन तथ्य रोचक जानकारियां ज्ञानवर्धन GK etc.
(आसोप के राजा फतैसिंह द्वारा रचित सजनसी को संबोधित सोरठे)
पायौ पुन परताप, मानुष तन महँगौ मिल्यौ । पोचा खोटा पाप, सो मत करजे सजनसी ।।
मीठा बोल म्रजाद, कदै न कहणौ कटु वचन । यां बातां ने याद, सदा राखजे सजनसी ।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें