सोमवार, 21 अगस्त 2017

आसोप के राजा फतैसिंह  द्वारा रचित सजनसी को संबोधित सोरठे

(आसोप के राजा फतैसिंह  द्वारा रचित सजनसी को संबोधित सोरठे)

पायौ पुन परताप,  मानुष तन महँगौ मिल्यौ ।
पोचा खोटा पाप, सो मत करजे सजनसी ।।

मीठा बोल म्रजाद,  कदै न कहणौ कटु वचन ।
यां बातां ने याद, सदा राखजे  सजनसी ।।

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