शुक्रवार, 5 मई 2017

Marwadi kahaniya - poetic version

Once upon a कागला,
Sitting on a डागला,
He was very तीसा,
He saw चारों दिशा
He saw a घड़ा
Some water उसमे पड़ा
He collected some भाटा
घड़ा भर गया काठा
Water is coming up-up
He was drinking लप- लप

and

Then  बोई-जा , बोई-जा 
भूखी लोमडी की मारवाडी  कहानी

वंस देयर वाज ए लुकी,
लुकी इज वैरी भूकी।
सी सा एक अंगूर का गुच्छा,
गुच्छा इज वैरी उंचा।
लुकी कुदी,
बट नॉट पुगी।
लुकी पडी ऑन द भाटा,
लुकी बोली 'अंगूर इज वैरी खाटा'...!!

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