शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2016

अरज है

खेताँ में थांके केसर निपजे।
कोठाँ में भरयो रेहवे धान।।
माँ लछमी थांके घरां बिराजे।
माँ सुरसती बढावे थांको मान।।
गजानन्दजी रक्षा करे थांकी।
याही अरज है म्हांकी।।

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