गुरुवार, 6 अप्रैल 2017

सब कुछ सेवा तोई खोटां हां।

राजस्थानी गजल।

सब कुछ सेवा तोई खोटां हां।
वै चावै  खावां म्हां  सोटां हां।

खुद री मैणत सूं जीवां तोई
व्है  चावै कै  रेवां टोटां   हां।

करियो नी जग में कोई कारज
समझे तोई  खुद  नै  मोटां हां।

इण लोगां री  देखो अकडाई
म्हानै समझै म्हा तो ढोटां हां।

लोगां  री  देखूं म्है  ठकराई
दीपा नै लागै म्हा छोटां हां।

दीपा परिहार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें