कुचरणी लघुकथा
चिंकू भागता हुआ अपनी दादी के पास आया और बोला "दादी बोलो टैं".
दादी असमंजस में पड़ गई लेकिन बालमन की कोमल भावनाओं का ध्यान रखते हुए बोली "टैं".
चिंकू इतना खुश हुआ जैसे उसे बाबे का परचा मिल गया हो. बोला "थैंक यू दादी.. अब हम अमीर हो जाएंगे"
दादी ने पूछा "अमीर कैसे हो जाएंगे रे?"
चिंकू ने अपनी दादी की गोद में सिर रखते हुए कहा कि "मम्मी बोल रही थी कि जीं दिन आ डोकरी टैं बोलसी आपां अमीर हो जासां"
मोरल ऑफ द स्टोरी :- हर बात टींगरों के सामने नहीं करनी चाहिए.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें