एक भायो आपकी घरआळी नै दिनुग्यां पांच बजे बैंक री लेण म लगाई ! ..
*बाँ दोन्या की आपबीती*
लुगाई:- तपतां -तपतां दो बजे जाता बैंक रै दरूजै म बड़बा को नमर आयो !
तीन बजे जातां कोई कैसियर रै सामी पुगी !
मनै ऊबो राख'र म्हाठो चा पिबा चल्यो गयो !
आधै घण्टै बाद आयो और कम्पुटर पर बैठ'र
बोल्यो " सॉरी मैम पैसे नहीं है ! "
थांकी सौगनज्यो मुण्डो मिरच्यां खायेड़ो सो हुग्यो !
ऐडी स्यूं ले'र चोटी तांई भचीड़ उपड़बा लागग्या सारै दिन
रोई थारै जीव नै और बैरी खाली हाथ टरका दी
मोट्यार:- रीसां बळतो बोल्यो थारैऊं क्यूँ ही कोनी करीज्यो ??? म्हारै पर तो
15 बेलण तोड़ दिया .. बैंक आळै नै कम स्यूं कम गाळ तो काडती
दो च्यार ....
बा भोत ही धिरजाई स्यूं बोली " बेलण तो आज एक ओज्यूं टूटसी !
पिसा बैंक म नहीं .....थारै खातै म कोनी हा मरज्याणा
औऱ भाईजी आज सौळवूं बेलण भी टूटग्यो
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