मंगलवार, 29 नवंबर 2016

थे घास नांखणीं बंद करो

.         *थे घास नांखणीं बंद करो*
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थे रिश्वत देणीं बंद करो ,
लेवणियां भूखां मर ज्यासी ।
थे घास नांखणीं बंद करो ,
सरकारी सांड सुधर ज्यासी ।

खुद रा घर को करो सुधारो ,
आखो गांव सूधर ज्यासी ।
थे भाव देवणां बंद करो ,
केयां रा भाव उतर ज्यासी ।

दूजां में गलत्यां मत देखो ,
गलत्यां खुद में ही मिल ज्यासी ।
जे खुद चोखा बण रेवोला ,
पाडोसी चोखा मिल ज्यासी ।

थे ब्लेक लेवणों बंद करो ,
दो नंबर पूंजी घट ज्यासी ।
ईमान धरम पर चालोला ,
तो पाप पाप रो कट ज्यासी ।

बेटी री कदर करोला तो ,
झांसी की राण्यां आ जासी ।
पन्ना मीरां अर पदमणियां ,
सीतां सावित्र्यां आ ज्यासी ।

आजादी रो मतलब समझ्यां ,
भारत रो रूप संवर ज्यासी ।
सूतोडा शेर जाग ज्यासी ,
साल्यां में भगदड मच ज्यासी ।

भिड ज्यावो आतंकवादयां सूं ,
आतंकवादी खुद डर ज्यासी ।
सीमाडे सूता मत रेवो ,
दुशमणं री छाती फट ज्यासी ।

जे एक होयकर रेवोला ,
तो झोड झमेला मिट ज्यासी ।
मेहनत की रोटी खावोला ,
तो बेईमानी मिट ज्यासी ।

झूठा वादां में मती फसो ,
वादां री हवा निकल ज्यासी ।
वोटां री ताकत नें समझ्यां ,
दादां री जमीं खिसक ज्यासी ।

नारां रे लारे मत भागो ,
नारां रे नाथां घल ज्यासी ।
मत बंद और हड़ताल करो ,
नुकसाणं देश रो बच ज्यासी ।

जे नेम धरम पर चालोला ,
जीणें रो ढंग बदल ज्यासी ।
मैणंत रा मोती बोयां सुं ,
धरती रो रंग बदल ज्यासी ।

कविता री कदर करोला तो ,
गीतां री राग बदल ज्यासी ।
भला मानस आलस छोड ऊठो ,
भारत रा भाग बदल ज्यासी ।

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